भारत – राजनीति और समस्या
पद्मिनी अरहंत
देश के सर्कार और उत्तरदायक यानी प्रधान मंत्री को पांच गंभीर प्रश्न जो उत्तरदायित्व है।
१. देश पूँजी पति के हवाले करके, उन्ही के सेवक बने व्यक्ति प्रधान मंत्री ?
२. देश की सुरक्षा में घटौती लाकर, देश को देश के बाहर आक्रमि चीन के हवाले करने वाले देश के चौकीदार ?
३. और तो और आक्रमि देश चीन को आर्थिक भंडार भेंटकर आयात (इम्पोर्ट्स – imports) के ज़रिये, चीन की आर्थिक स्थिति मज़बूत बनाकर फ़िर उसे भारत पर आक्रमण करने की सुविधा देने वाले देश के अर्थशास्त्री और शुभचिंतक नेता और सर्कार?
४. इस प्रकार कानून बनानेवाले प्रथम कानून तोड़नेवाले बने और वह एलान करें की वही रहेंगे ५० वर्ष से भी अधिक देश के मुख्या यानी प्रधान मंत्री और वो भी लोक तंत्र गण तंत्र प्रजा को ताना शाही में दबाकर अपनी राजनीति कूटनीति जमाने की योजनाएं में जुड़े तत्पश्चात?
५. आखिर देश लोक तंत्र है या केला गणतंत्र (बनाना रिपब्लिक – Banana Republic) जहाँ संविधान नेतृत्व में जन राज्य बदलकर एक अकेले व्यक्ति के इशारे पर उनके क्षति (damaging) निर्णय के चक्रव्यूह में फ़स गया है ?
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~आदि वासी राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपती मुर्मू को नियुक्त करके आदि वासी, महिला जात और उनकी भी बेइज़्ज़ती करने की राजनीति साजिश है।
कई प्रदेश जैसे – उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और अन्य क्षेत्र में रहने वाले आदि वासी जन को भारत सर्कार का जब्त किया गया आदि वासी ज़मीन वापस करें। ना की आदि वासी को भारत सर्कार राजनीति का मुद्दा बनाकर राष्ट्रपति उम्मीदवार के ज़रिये उन्हें कटपुतली बनायें।
यह राजनीति षड़यंत्र से साबित होता है की भारत स्वतंत्र देश नहीं है। विदेशी कपट रणनीति को अपनाकर उनके आदेश पर चलने वाले राजनीति दल की व्यवहार भारत और पूरे राजनीति के लिए निंदनीय और हानि कारक है|
कई सालों से भारत सर्कार ने उद्योग पति और खास पूँजी पति जैसे अदानी अम्बानी व्यापार को लाभदायक घटनाएं जिसमे देश के सम्पति अपने मालिकों को अर्पण करते हैं |इस दौरान आदि वासी और किसानों के साथ आर्थिक, मानसिक और कई प्रकार के शोषण का सिलसिला रहा, जो दोषारोपण करने योग्य है। इसलिए इसका अंत ज़रूरी है।
आदि वासी जन को उनके अधिकार भारत के ज़मीन से जुड़ा हुआ है। इसलिए भारत सर्कार आदि वासी जन को गैर कानूनी तौर पर छीना गया ज़मीन उन्हें लौटाएं। उसके बदले राष्ट्र पति उम्मीदवार खड़ा करके रिश्वत रिवाज़ ना जतायें। आदि वासी और महिला जात की अपमान करना भारतीय राजनीति की द्वेष और गर्हणीय विचार धरा को ही सामने लाता है।
पूरे राजनीति दल को उनके स्विस बैंक (Swiss Bank) और विदेशों में छिपा हुआ काला धन (Black money) भारत के आम नागरिक, सेना, किसान और पीड़ित बेरोज़गार युवा पीड़ी के उन्नति और प्रगति के लिए समर्पित करना उनके बनाये हुए क़ानून, संविधान और नैतिक कर्त्तव्य बनता है। इस कर्त्तव्य की पालन करके भारत को भ्रष्टाचार ज़ंजीर से मुक्त होना अनिवार्य और अत्यावश्यक है।
भारत सर्कार को महिला सम्मान के दौरान – प्रोफेसर सुधा भरद्वाज की अशर्त और प्रतिष्ठित रिहाई से पुष्टि करें। उसके अलावा इस स्थिति को बढ़ाना भारत के राजनीति की मानवाधिकार के प्रति असलियत प्रदर्शित होता है।
भारत सर्कार द्वारा लागू किया गया – अग्निपथ सेना योजना पूरे सेना – दल, जल और वायु सेना के लिए संकट जनक और समस्यात्मक नीति है। ग्रामीण और गरीब बेरोजगार युवा समुदाय को राहत के बदले उनके वर्त्तमान और भविष्य को निराशाजनक दुखनिय बनाता है। इसलिए अग्निपथ नीति का निकासी और वापसी ही देश, युवा और सेना की हित में है। पहले से चालू सेना की नियम जैसे भर्ती और १५ वर्ष से अधिक सेवा को पुनः स्थापित करना आवश्यक है।
इसके विपरीत अग्निपथ नीति के अग्रसर होना देश, सेना और युवा के विरुद्ध है। तत्काल चीन के पूर्वी इलाके में आक्रमण को संभालने के लिए अग्निपथ बाधा है जो चीन के लिए अनुकूल है। इन सब विषय को लेकर भारत सर्कार की जिम्मेदारी देश की सुरक्षा बढ़ाना ना की घटाने पर प्राथमिकता महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद
पद्मिनी अरहंत
लेखिका और प्रस्तुत करता
PadminiArhant.com
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