भारत के तानाशाही में भेद भाव?
यह क्या गज़ब हुई गवा?
पद्मिनी अरहंत
एक तो वो महिला नेहा सिंह राठौर – भोजपुरी लोक संगीत गायिका भोजपुरी में उत्तर प्रदेश के सरकार को वहां की हालात को लेकर गीत क्या गायी – “ यूपी में का बा गीत” पेश करने के लिए, नेहा सिंह राठौर को बहुत भारी पड़ गया ।
बीजेपी सरकार उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली केंद्रीय सरकार दोनों मिलकर खूब फटकार के साथ नेहा सिंह राठौर पर पाबंदी लगा दिए । यहाँ तक कि नेहा सिंह राठौर के ससुराल में भी उनके बहू रानी के बारे में बीजेपी की तरफ़ से शिकायत पहुँच गयी । इतनी सख़्त कारवायी कर डाले । साथ साथ नेहा सिंह राठौर के प्रति FIR भी दर्ज हो गया । तो एक छोटी सी बात को बीजेपी ने criminal क्रिमिनल व्यवहार बना दिये । हालाँकि नेहा सिंह राठौर को मुझ पर तोपकर – भारत के प्रधान मुख्या मुझे अपनी तानाशाह ताकत (?) का प्रदर्दशन कर रहे थे।
और दूसरी तरफ़ भारत मुख्या का वार मुझ पर दर्शाया गया इन दो तता कथित घरेलु महिलायें द्वारा अदाकारी ।
दो महिलायें – पुष्पा जीजी और पद्मा यानी दोनों मुझ पर किरदार है । और वो भी पुष्पा नामकरण मुझ पर इसलिए नवाज़ा गया क्योंकि – भारत की राजनीति और मनोरंजन क्षेत्र का सम्वन्ध व्यभचारिक है इसलिए उस मनो तत्त्व के कारण भारत के प्रधान मुख्या का ध्यान पुरानी लेकिन मशहूर हिंदी फिल्म अमर प्रेम की नायिका – उस कथा पात्र का नाम पुष्पा और उस किरदार को एक कोटेवाली दर्शाया गया । इसलिए भारत के प्रधान मुख्या द्वारा रचित इन दोनों महिलावों की प्रदर्शन प्रधान मुख्या की नेतृत्व में कई प्रचारकों में से यह दोनों एक है ।
बीजेपी द्वारा मुझे यह संदेश है कि मैं भारत के प्रधान मुख्या पर हमेशा आलोचना ना करूँ उल्टा उनकी तारीफ़ की पुल में जुड़ जाऊँ अन्य मीडिया और इनके सग़े संबंधी की तरह इनके हाँ में हाँ मिलाऊँ । यह इनकी सबसे बड़ी भूल और अहंकार है ।
मगर सत्य यह है की भारत के प्रधान मुख्या अपनी तस्वीर से लेकर अपने बारे में पूरे संसार में चर्चा हो – ख़ास तौर पर मेरे website में वो छाए रहना चाहते हैं । जब मैं भारत के आम जनता की विषय पर चर्चा करती हूँ तो वो बिलकुल मना है – भारत के प्रधान मुख्या के लिए ।
इसी कारण अगर मैं अन्य देश या संसार के कोई विषय पर ध्यान दूँ उस्केलिये आपत्ति जताकर, यहाँ तक मेरे अन्य मुद्दे जो भारत से भिन्न और गैर सम्बन्ध के पश्चात उन You Tube Videos वीडियोस को रद्द करवाए हैं एक तानाशाही के तरीके से । जिसको लेकर मैं आपत्ति जताकर दुबारा अपनी website वेबसाइट में मैंने प्रस्तुत किया है ।
भारत के प्रधान मुख्या का कहना है बुरा या भला मैं उन्ही के बारे में लिखती रहूँ । हालाँकि मैं ना ही किसीकी ग़ुलाम हूँ या कोई भी राजनीति के हुकुम पालन करने के लिए मैंने जन्म लिया हो ।
जो राजनीति की सबसे बड़ी ग़लत फेहमी है । और वो लोकतंत्र और गणतंत्र के चादर ओढे तानाशाहियों के तानाशाह बने बैठे तत्कालीन दुरवस्था है जो उनकेलिए और उनके देश वासियों केलिए भी दुर्भाग्य है । इन सब घटनाओं से यह साफ़ है कि राजनीति को सत्ता और अपने स्वार्थ से जुड़े इमेज से किस तरह का नशा चढ़ा हुआ है । ये लोग सोचते हैं की यह किसी को भी अपनी पावों तले कुचलकर अपनी मन मानी जतायेंगे ।
जिन्हें इन अपराधियों के पावों तले तबना उनकी मजबूरी समझाया जाता है वो व्यक्ति को जो हाल ही मैं हूँ मुझे इनकी हर गुंडा गर्दी और तानाशाही को सहना है , यह इनकी माँग और आदेश है ।
यह अन्याय और बकवास इन सब को बहुत महँगा ही नहीं विनाश का डंका बन रहा है ।
यही कारण यह मुझे सताकर जो इन अपराधियों और मानवता लोकतंत्र के विरोधियों के साथ मिली भगत होने वालों को पदवी और नाम धन के लालच में अपने संग अपनी ही दुर्गति की और तेज़ी से चल रहे हैं ।
कहने की आवश्यकता नहीं की – लालच कितनी बुरी चीज़ है । जो लालच के नाव चड़े वह निश्चित डूबे और इसके कई उदाहरण है भारत और विश्व घटनायें और ऐतिहासिक साक्षी है जो दोबारा होने को है ।
तभी उन दोनों यानी पुष्पा जीजी और पद्मा कभी कभी पद्म भाई भी कहलाती हैं इनके मुँह से इसी बहाने।
और फिर दोनों कहती हैं वह किसी की अपमान नहीं करती हैं और उनकी वीडियो केवल २-३ मिनट के अपनी अपनी राय रखती हैं और ख़ुद के मन बहलाने और अपनी फ़ालतू समय बिताने के लिये वीडियो बनाती हैं । भारत के प्रधान मुख्या द्वारा आयोजित पुष्पा जीजी और पद्मा भाई हमारी बेस्ती के लिए रचाया जा रहा घटियापन एक विषय को सामने रकता है ।
और वो यह है के भारत के प्रधान मुख्या को कोटे से और कोठेवालियों के साथ ख़ास रिश्ता है । इसलिए मुझ पर वार करने के बहाने कोटे से जुड़े अपनी जीवन की पिछला और वर्तमान क़िस्सों को इन दोनों महिलायें द्वारा अनुभव कर रहे हैं ।
जो व्यक्ति नोट बंदी के दौरान देश वासियों को चूना लगाने के लिए अपनी माँ को बेच डाले ATM लाइन में खड़ा करके । कई जुमलों में यह एक घिनौनी हरकत जो शर्मनाक है, वो शख्स किसी और के माँ, बहन, पत्नी, बेटी को ज़लील करने के लिए क्यों संकोच होगा?
आखिर एक व्यक्ति के चाल चलन और दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार तब होगा जब अपनी कर्मों पर उन्हें खेद हो । यहाँ तो वो हाल है – यह पूरे राजनीति पर बैठता है – नौ सौ चूहे नोचकर बिल्ली टोली
चले हज इनकेलिये कुंभ मेले पर ।
पद्मिनी अरहंत
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सत्य हिंदी.com – Satya Hindi.com या असत्य हिंदी?
अशोक वांकडे जी,
नमस्ते ! आप बाघ (Tiger) कहलाते हैं ।
हमारे इस प्रश्न से आप भागना नहीं ।
आप बाघ यानी शेर की तरह सामने आकर आपके दर्शकों को ज़रा बतायेंगे आप की मजबूरी ? जो आप कैमरा में प्रदर्शन करते हैं वो आप है नहीं ।
अंतराष्ट्रीय गुप्त संगटन द्वारा चलाये जारे भारत के पूरे राजनीति मुख्य तौर पर प्रधान मुख्या के नेतृत्व में रचाये मीडिया सर्कस सामाजिक मीडिया भी जिसे आप प्रतिनिधित्व करते हैं मुझसे ताल मेल यानी समानांतर रखने की चक्कर में – यहां तक आपको माते पर तिलक लगाए – औरत का दृश्य प्रमाण करने केलिए, ऐसे नाटक करने पड़ते हैं ।
और तो और हाल ही में आपने अपने नाम के साथ वरिष्ठ पत्रकार का नाम भी त्याग कर मेरी तरह सिर्फ़ अपना नाम ही परिचय में दिखाते हैं मीडिया इंटरव्यू के दौरान ।
इसी प्रकार पहले आम आदमी पार्टी के सदस्य और अब असत्य हिंदी के प्रतिनिधि आशुतोष जी कोई विचित्र कारण भारत की दिल्ली राजधानी के हुकुम पर अपने surname यानी उपनाम कुलनाम छिपाये हैं । और तो और इन्हें भी मेरे प्रॉक्सी के रूप में पेश किया जा रहा है । ऐसे कई नाटक बाज़ी चक्कर भारत के प्रधान मुख्या का हमें लेकर इतनी बड़ी विशाल जाल जिसमे स्वयं झकड़े जा रहे हैं ।
और तो और जहां तक आशुतोष जी का सवाल है, उनके उपनाम को गुप्त रखने की आदेश भी प्रधान मुख्या का है । वो पासा भी मुझे निशाना लगाए गए करतूत है । उसके अलावा आशुतोष जी के पहले लिया हुआ उपनाम / कुलनाम गुप्ता किसके कहने पर लिया गया इसका खुलासा भी यहाँ पेश है । आशुतोष जी को सत्य हिन्दी के प्रतिनिधि कहलाने के कारण, इन विषय पर सत्य प्रमाण पूर्वक अपनी सत्य हिन्दी के दर्शकों को बताना आवश्यक हो गया है ।
आपके देश – भारत के प्रधान मुख्या पूरी राजनीति, मीडिया, मनोरंजन क्षेत्र, समाज की महिलायें सज तजके वीडियो ज़रिये हमारी गिल्ली उड़ाने की आयोजना जो किए हैं, उसके अलावा हास्य कलाकार के बहाने हम पर वार करना, यह सब हम पर निरंतर तीर चलाने के प्रबंध से हम बहुत प्रभावित हैं ।
आपके प्रधान मुख्या देश चलाना छोड़ एक महिला के पीछे यानी मेरे पीछे हाथ धोके पड जाना, मेरे घर, निजी जीवन का हर क्षण के विवरण रखना, इसे यही साबित होता है कि कोई कितना भौकलाये हुए हैं । वरना अपनी ज़िंदगी और इतनी बड़ी मुख्य कार्यालय – देश के नेतृत्व छोड़ एक उनके कही हमारे बारे में विवरण – एक बर्तन माँजने वाली, झाड़ू पहुँचा करने वाली …वगैरा पर 24/7 जासूसी का क्या मतलब?
मुख्य प्रश्न यह है – आपके प्रधान मुख्या को कैसे पता कि मैं अपना समय और जीवन कैसे बिताती हूँ करके वो भी कोसूँ मील सात समंदर पार रहेते हुए भी?
आपके देश के प्रधान मुख्या को मेरे व्यक्तिगत जीवन के सामान्य सूचना पर क्यों इतनी रुचि और आलोचना अपने टोली समित भाड़े में रखे हुए जो जनता की मेहनत की कमायी को अपने व्यक्तिगत कारण मेरे विरोध खर्च करते हैं ?
इस तरह किसी ग़ैर की निजी ज़िंदगी पर हावी होना एक बीमारी है और यह बीमारी जिसे लगती है वो ख़ुद अपने जीवन कि ख़तरे की घंटी बजाते है। इसे अंग्रेज़ी में stalking स्टाकिंग माने पीछा करना माना जाता है । जो सरासर दुरव्यवहारिक और देश के लिए अपमानित है ।
अक्सर stalker स्टॉकर किसी को पीछा करने वाले अपने ही जाल में फसकर धरती से गुल होते हैं और उस के बाद का यात्रा निश्चित रूप से उल्लास नहीं होता है ऐसे करमों के लिए ।
क्या इस तरह एक देश के प्रधान मुख्या के गिरे हुए घिनौनी हरकतें किसी देश या देशवासी के लिए गर्व हो सकते हैं बजाय शर्म के मारे सर झुकाने के अलावा?
जो लोग भाड़े में देश क़े प्रधान मुख्या क़े गैर कानूनी और लज्जित संस्कार क़े काम क़े लिए अपने आप को बेचकर ऐसे व्यक्ति के काम आने के लिए कुछ भी करने और कहने के लिए तैयार हैं तो ऐसे लोग और देश एवं समाज का तो हो गया कल्याण?
अपने आप को और देश वासियों को चूना लगाना भारत क़े राजनीति का परम्परा है जो हाल ही में तीव्रता से उबर गया है । ऐसी स्थिति पूरे देश और देशवासियों के लिए बहुत हानिकारक है ।
जिनके पीठ के बल फ़ायदा लेने वाले जो रंग रलियाँ मना रहे हैं । मेरे प्रति ज़हर उगलने वाले यह साबित करते हैं की वे कितने गिरे हुए और बदनाम है । जो ख़ुद बदनाम है वे किसी और को क्या बदनाम करेंगे? इन सब के चेहरे का दर्पण उन्हीं के आईने में दिख रहा है । तभी यह लोग अपने आप से भाग रहे है मेरे आस्तित्व को चुराकर मुझ पर ही वार करना इनकी बेईमानी और मक्कारी को प्रचलित करता है । इन सभी के लिये यह कुकर्म कितना अघोर संकट और जन्मों के दुख झेलने वाले है यह भी इन्हें शीघ्र इन्हीं के काल और कर्म दंड देगा । यह अटूट सत्य है । अपने किए कराये का हर हालत में चुकाना ही पड़ता है । वे कोई भी हो काल और कर्म निष्पक्ष है ।
जैसी छल, चाल और जाल वैसी फल । इसमें दो राय नहीं । और उससे भी बढ़कर मेरी फ़ायदा उठाने वाले जन्मों के लिए मेरे कर्ज़दार बने । यह कर्ज़ ये लोग कैसे चुकायेंगे इन्हें समय बतायेगा ।
शैतान और हैवान के लक्षण लाख छिपाने से भी छिपता नहीं जिस तरह सच और मूंछ को हमेशा के लिए ढकना असंभव है ।
पद्मिनी अरहंत
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